भारतीय संविधान सभा क्या होती है आसान भाषा में जाने? Indian Constituent Assembly

 भारतीय संविधान सभा: एक विस्तृत परिचय




भारतीय संविधान सभा क्या होती है आसान भाषा में जाने? Indian Constituent Assembly



भूमिका
भारतीय संविधान सभा वह संस्था थी, जिसने स्वतंत्र भारत का संविधान तैयार किया। यह सभा देश की स्वतंत्रता से पहले बनी और इसके सदस्यों ने संविधान निर्माण की जिम्मेदारी निभाई। इस संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य देश के लिए एक स्थायी संविधान तैयार करना था।


संविधान सभा का गठन


संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना 1946 के तहत किया गया था। इस योजना के अनुसार, संविधान सभा के सदस्य भारतीय प्रांतीय विधान सभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चुने गए थे।


संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, जिनमें से 292 सदस्य प्रांतीय विधानसभाओं से, 93 सदस्य रियासतों से, और 4 सदस्य मुख्य आयुक्त क्षेत्रों से चुने गए थे। हालांकि, भारत के विभाजन के बाद, पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा बनी और भारतीय संविधान सभा में सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गई।


संविधान सभा की पहली बैठक


संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने की, जो सबसे वरिष्ठ सदस्य थे। बाद में, डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया।


संविधान सभा के महत्वपूर्ण सदस्य


संविधान सभा में कई महत्वपूर्ण नेताओं ने भाग लिया, जिन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में अपना योगदान दिया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:


डॉ. भीमराव अंबेडकर – संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष


डॉ. राजेंद्र प्रसाद – संविधान सभा के अध्यक्ष


पंडित जवाहरलाल नेहरू – उद्देशिका समिति के अध्यक्ष


सरदार वल्लभभाई पटेल – रियासतों के एकीकरण में मुख्य भूमिका


डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा – प्रथम अस्थायी अध्यक्ष


मौलाना अबुल कलाम आजाद – प्रमुख सदस्य


कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी – संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान



संविधान निर्माण की प्रक्रिया


संविधान निर्माण का कार्य विभिन्न समितियों द्वारा किया गया, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण थी संविधान प्रारूप समिति। इस समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था और इसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।


संविधान निर्माण में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान निर्माण के दौरान 11 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कुल 165 दिनों तक विचार-विमर्श हुआ। संविधान सभा में 2000 से अधिक संशोधन प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 247 संशोधन स्वीकृत किए गए।


संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ


संविधान निर्माण में कई समितियाँ बनीं, जिनमें से कुछ प्रमुख थीं:


1. संविधान प्रारूप समिति – अध्यक्ष: डॉ. बी. आर. अंबेडकर



2. संघ शक्ति समिति – अध्यक्ष: जवाहरलाल नेहरू



3. रियासत समिति – अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल



4. संघीय संविधान समिति – अध्यक्ष: जवाहरलाल नेहरू



5. न्यायपालिका समिति – अध्यक्ष: सर ऑलिवर फ्रैंक्स



6. संविधान सलाहकार समिति – अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल



7. मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति – अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल




भारतीय संविधान का अंगीकरण


संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया। इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।


संविधान सभा की विशेषताएँ


1. प्रतिनिधित्व की विविधता – इसमें विभिन्न वर्गों, धर्मों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे।



2. लोकतांत्रिक प्रक्रिया – हर निर्णय बहस और चर्चा के बाद लिया गया।



3. समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर जोर – भारतीय संविधान में इन मूल्यों को प्रमुखता दी गई।



4. संविधान सभा को विधायी शक्तियाँ – संविधान निर्माण के साथ-साथ इसे भारत का अंतरिम संसद भी बनाया गया।




निष्कर्ष


भारतीय संविधान सभा भारत के लोकतंत्र की आधारशिला थी। इसके सदस्यों ने मेहनत और समर्पण से ऐसा संविधान तैयार किया, जो आज भी भारत के शासन का मार्गदर्शक है। यह संविधान सभा हमारे देश की एकता, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है।


नोट - आशा है आपको संविधान सभा के बारे मे एक अछि जानकारी मिली यदि आपको पोस्ट अच्छा लगे तो प्लेसे आगे शेयर करे 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ