भारतीय संविधान में समितियां क्या होती हैं विस्तार से आसान भाषा में जाने ? What are the committees in the Indian Constitution? Know in detail in easy language

 चलो, भारतीय संविधान में समितियों के बारे में विस्तार से समझते हैं।

bhartiya samvidhan samiti ke member


भारतीय संविधान में समितियाँ: विस्तृत अध्ययन

भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए और संविधान लागू होने के बाद उसके सुचारू संचालन के लिए कई समितियों का गठन किया गया। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य विभिन्न कानूनी, प्रशासनिक, आर्थिक और सामाजिक विषयों पर गहराई से अध्ययन करके उचित सुझाव देना था।

संविधान निर्माण के दौरान बनी समितियाँ

संविधान निर्माण की प्रक्रिया 9 दिसंबर 1946 को शुरू हुई और इसे पूरा करने में लगभग तीन साल (2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन) लगे। इस दौरान कई समितियाँ बनाई गईं, जिन्हें दो प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है—

1. प्रधान समितियाँ

2. उप-समितियाँ

(1) प्रधान समितियाँ

1. प्रारूप समिति (Drafting Committee)

यह समिति संविधान का अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई थी।

अध्यक्ष: डॉ. भीमराव अंबेडकर

इस समिति ने विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन किया और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप संविधान तैयार किया।

2. संघ शक्ति समिति (Union Powers Committee)

अध्क्ष: पंडित जवाहरलाल नेहरू

इस समिति का कार्य यह तय करना था कि केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा कैसे किया जाए।

3. संघीय संविधान समिति (Union Constitution Committee)

अध्यक्ष: पंडित जवाहरलाल नेहरू

यह समिति संघीय शासन प्रणाली की संरचना और कार्यप्रणाली पर काम कर रही थी।

4. राज्यों की संविधान समिति (Provincial Constitution Committee)

अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल

इस समिति का कार्य राज्यों के प्रशासनिक ढांचे का निर्धारण करना था।

5. नीति निर्देशक तत्व समिति (Committee on Principles of Directive Policies)

अध्यक्ष: जे. बी. कृपलानी


इस समिति ने संविधान में समाजवादी और कल्याणकारी राज्य के लिए नीति निर्देशक तत्वों को शामिल करने की सिफारिश की।

6. संविधान प्रारूपण समिति (Rules of Procedure Committee)

अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद

इस समिति ने संविधान सभा की कार्यप्रणाली और नियम बनाए।

7. नागरिकता, मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति (Committee on Fundamental Rights and Minorities)

अध्यक्ष: सरदार वल्लभभाई पटेल

इस समिति ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर काम किया।

(2) उप-समितियाँ

1. राज्य पुनर्गठन समिति – राज्यों की सीमाओं और पुनर्गठन पर अध्ययन किया।

2. भाषा समिति – भारत की आधिकारिक भाषाओं पर विचार किया।

3. न्यायिक प्रणाली समिति – न्यायपालिका की संरचना पर कार्य किया।

इन सभी समितियों ने मिलकर भारतीय संविधान का आधार तैयार किया, जिससे हमारा संविधान लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और न्यायपूर्ण बन पाया

भारतीय संसद में समितियाँ

भारतीय संसद में विधायी कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने और प्रशासन की निगरानी रखने के लिए कई प्रकार की समितियाँ होती हैं। इन्हें दो भागों में बाँटा जाता है—

1. स्थायी समितियाँ (Standing Committees)

2. विकेन्द्रीकृत या अस्थायी समितियाँ (Ad hoc Committees)

(1) स्थायी समितियाँ

ये समितियाँ स्थायी रूप से कार्य करती हैं और नियमित रूप से विभिन्न विषयों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं।

(क) वित्तीय समितियाँ

इनका कार्य सरकार के वित्तीय मामलों की जांच करना होता है।

प्रमुख वित्तीय समितियाँ:

1. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee - PAC)

सरकार के खर्चों की जांच करती है।

अध्यक्ष: विपक्षी दल का सदस्य होता है।

2. अनुदान समिति (Estimates Committee)

सरकार के खर्च की संभावनाओं का अध्ययन करती है।

3. लोक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)

सार्वजनिक उपक्रमों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करती है।

(ख) विभागीय स्थायी समितियाँ

ये समितियाँ विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े मामलों की निगरानी करती हैं।

इनकी संख्या 24 है।

(ग) सरकारी आश्वासन समिति

सरकार द्वारा संसद में किए गए आश्वासनों की निगरानी करती है।

(2) विकेन्द्रीकृत या अस्थायी समितियाँ

ये समितियाँ किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाई जाती हैं और कार्य पूरा होने पर भंग कर दी जाती हैं।

1. संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee - JPC)

किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को मिलाकर बनाई जाती है।

उदाहरण: 2G घोटाले की जांच के लिए गठित JPC।

2. प्रवर समिति (Select Committee)

किसी विशेष विधेयक (Bill) का गहन अध्ययन करने के लिए गठित की जाती है।

न्यायपालिका में समितियाँ

1. विधि आयोग (Law Commission)

भारत में कानून सुधार से संबंधित सिफारिशें देने के लिए यह एक स्थायी निकाय है।

2. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समितियाँ

कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट विशेष समितियों का गठन करता है, जैसे अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न मामलों की जांच हेतु समितियाँ।

अन्य महत्वपूर्ण समितियाँ

1. चुनाव सुधार समिति – चुनाव प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए बनी।

2. नियोजन आयोग (Planning Commission) – देश के विकास के लिए योजनाएँ बनाता था (अब नीति आयोग)।

3. वृहत आर्थिक समिति – देश की आर्थिक स्थिति पर नजर रखती है।

निष्कर्ष

भारतीय संविधान में समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। संविधान निर्माण के दौरान बनी समितियों ने भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक आधार दिया, वहीं संसद की समितियाँ वि

धायी कार्यों की निगरानी और प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखती हैं। न्यायपालिका और अन्य क्षेत्रों में भी समितियों का योगदान महत्वपूर्ण है। इन समितियों की वजह से भारत का शासन तंत्र प्रभावी और उत्तरदायी बना हुआ है।

नोट - आशा है आपको संविधान सभा की समिति के बारे मे अछे से समझ आया होगा यदि पसंद आए तो प्लीज आगे शेयर करे थैंक्स धन्यवाद आपका दिन शुभ हो 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ