भारतीय संविधान सभा समिति में कितनी महिलाएं थीं उनके योगदान क्या रहे ? How many women were there in the Indian Constituent Assembly committee and what were their contributions

 भारतीय संविधान सभा में महिलाएँ और उनका योगदान

Bhartiya samvidhan Sabha ke woman's member


भारतीय संविधान सभा, जो हमारे देश के संविधान के निर्माण के लिए गठित की गई थी, उसमें 15 महिलाएँ शामिल थीं। ये महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों से आई थीं और उन्होंने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन महिलाओं ने न केवल महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई बल्कि सामाजिक न्याय, शिक्षा, और समानता जैसे विषयों पर भी योगदान दिया।

संविधान सभा में शामिल 15 महिलाएँ

1. सरोजिनी नायडू

2. विजयलक्ष्मी पंडित

3. दुर्गाबाई देशमुख

4. हंसा मेहता

5. राजकुमारी अमृत कौर

6. कमलादेवी चट्टोपाध्याय

7. लेला रॉय

8. भागनी निवेदिता (सिस्टर निवेदिता)

9. रुक्मिणी लक्ष्मीपति

10. पूर्णिमा बनर्जी

11. सुचेता कृपलानी

12. अम्मू स्वामीनाथन

13. मलती चौधरी

14. एनी मस्कारेन

15. फातिमा बीबी


इन महिलाओं का संविधान सभा में योगदान

1. सरोजिनी नायडू

सरोजिनी नायडू एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री थीं। वे संविधान सभा में महिलाओं और दलितों के अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं। उन्होंने समान नागरिकता और अधिकारों की वकालत की।

2. विजयलक्ष्मी पंडित

विजयलक्ष्मी पंडित ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संविधान सभा में उन्होंने भारत की विदेश नीति और महिला अधिकारों के मुद्दों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

3. दुर्गाबाई देशमुख

वे एक समाजसेवी और शिक्षाविद थीं। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके कानूनी अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे।

4. हंसा मेहता

हंसा मेहता महिला अधिकारों की समर्थक थीं। उन्होंने "समानता" के सिद्धांत को संविधान में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए।

5. राजकुमारी अमृत कौर

स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वे स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं और संविधान में स्वास्थ्य संबंधी नीतियों के लिए कार्य किया।

6. कमलादेवी चट्टोपाध्याय

उन्होंने हस्तशिल्प और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। संविधान सभा में उन्होंने आर्थिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक संरक्षण पर बल दिया।

7. लेला रॉय

वे एक क्रांतिकारी महिला थीं जिन्होंने शिक्षा और समाज सुधार के लिए संघर्ष किया। उन्होंने संविधान सभा में महिलाओं की शिक्षा पर बल दिया।

8. भागनी निवेदिता (सिस्टर निवेदिता)

हालांकि वे भारतीय नहीं थीं, लेकिन उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और समाज सुधार में योगदान दिया।


9. रुक्मिणी लक्ष्मीपति

उन्होंने तमिलनाडु में महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया और संविधान सभा में उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई।

10. पूर्णिमा बनर्जी

उन्होंने श्रमिक वर्ग और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए संविधान में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

11. सुचेता कृपलानी

वे भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। संविधान सभा में उन्होंने श्रम सुधार और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।

12. अम्मू स्वामीनाथन

उन्होंने महिला अधिकारों, शिक्षा और समाज सुधार पर विशेष ध्यान दिया।

13. मलती चौधरी

वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय थीं और उन्होंने आदिवासी अधिकारों के लिए संविधान सभा में योगदान दिया।

14. एनी मस्कारेन

उन्होंने केरल से संविधान सभा में महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

15. फातिमा बीबी

वे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की समर्थक थीं और उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और लैंगिक समानता पर जोर दिया।

निष्कर्ष

संविधान सभा में महिलाओं की भूमिका केवल महिलाओं के अधिकारों तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य, और श्रमिक 

अधिकारों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी योगदान दिया। इनके प्रयासों से ही भारत का संविधान एक समावेशी और प्रगतिशील दस्तावेज बना।

नोट - आशा है आपको संविधान सभा समिति की महिलाओ के बारे जानकारी समझ आ गई होगी अच्छा लगा हो तो  पेज को आगे शेयर करे 

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