भूगोल में प्लूटो क्या है? इसे ग्रह से कब और क्यों हटाया गया?
प्रस्तावना
जब भी हम सौरमंडल की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में नौ ग्रहों की तस्वीर उभरती है – सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ये ग्रह बचपन से ही हमारे सामान्य ज्ञान का हिस्सा रहे हैं। लेकिन वर्ष 2006 में एक बड़ी खगोलीय घटना ने इस पारंपरिक जानकारी को बदल दिया। प्लूटो, जिसे पहले सौरमंडल का नौवां ग्रह माना जाता था, उसे ग्रहों की सूची से हटा दिया गया। यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा लिया गया था।
यह लेख इसी विषय पर आधारित है — प्लूटो क्या है, इसे ग्रहों की सूची से क्यों और कब हटाया गया, और इसका वैज्ञानिक महत्व क्या है।
प्लूटो क्या है?
प्लूटो एक बौना ग्रह (Dwarf Planet) है जो हमारे सौरमंडल के सबसे बाहरी हिस्से, जिसे काइपर बेल्ट (Kuiper Belt) कहा जाता है, में स्थित है। इसका नाम रोमन पौराणिक कथाओं के अधोलोक के देवता Pluto के नाम पर रखा गया था।
प्लूटो की खोज
प्लूटो की खोज 18 फरवरी 1930 को अमेरिकी खगोलशास्त्री क्लाइड टॉम्बो (Clyde Tombaugh) ने की थी। उस समय इसे सौरमंडल का नौवां ग्रह माना गया और विज्ञान की किताबों में शामिल किया गया।
प्लूटो को ग्रह क्यों माना गया था?
जब प्लूटो की खोज हुई, तब खगोलशास्त्रियों ने इसे एक स्वतंत्र रूप से सूर्य के चारों ओर घूमने वाला पिंड माना और इसकी कक्षा भी ग्रहों जैसी प्रतीत हुई। उस समय ग्रहों की परिभाषा स्पष्ट नहीं थी, इसलिए प्लूटो को ग्रहों में शामिल कर लिया गया।
प्लूटो को ग्रह से कब और क्यों हटाया गया?
24 अगस्त 2006 को IAU (International Astronomical Union) ने एक बैठक में ग्रहों की नई परिभाषा तय की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि ग्रह कहलाने के लिए किसी खगोलीय पिंड को निम्नलिखित तीन शर्तें पूरी करनी होंगी:
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वह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता हो।
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उसका स्वयं का गुरुत्वाकर्षण उसे गोल आकार प्रदान करता हो (हाइड्रोस्टेटिक इक्विलिब्रियम)।
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उसने अपने कक्षीय पथ (orbital path) को साफ कर लिया हो यानी वह अपनी कक्षा में प्रमुख पिंड हो और कोई अन्य वस्तु उससे टकरा न रही हो।
प्लूटो इन शर्तों पर खरा क्यों नहीं उतरा?
प्लूटो पहले दो मापदंडों पर तो खरा उतरा:
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वह सूर्य की परिक्रमा करता है,
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उसका आकार लगभग गोल है।
लेकिन तीसरी शर्त, “अपने कक्षीय पथ को साफ करना”, प्लूटो पूरा नहीं कर पाया। इसकी कक्षा में कई अन्य बर्फीले और चट्टानी पिंड भी मौजूद हैं, जिससे यह एक प्रमुख पिंड नहीं माना जा सकता।
इस कारण, IAU ने प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से हटा दिया और ‘बौना ग्रह’ (Dwarf Planet) घोषित कर दिया।
बौना ग्रह (Dwarf Planet) क्या होता है?
IAU के अनुसार, बौना ग्रह वह खगोलीय पिंड होता है जो:
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सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है,
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स्वयं का गुरुत्वाकर्षण उसे लगभग गोल आकार देता है,
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लेकिन उसने अपने कक्षीय क्षेत्र को पूरी तरह साफ नहीं किया होता।
इस श्रेणी में अब तक के कुछ प्रमुख बौने ग्रह हैं:
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प्लूटो
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एरीस (Eris)
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सीरेस (Ceres)
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हौमिया (Haumea)
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माकेमाके (Makemake)
प्लूटो से जुड़ी कुछ रोचक बातें
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प्लूटो का आकार – यह चंद्रमा से भी छोटा है।
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प्लूटो के चंद्रमा – इसके पांच चंद्रमा हैं, जिनमें सबसे बड़ा है चारोन (Charon)।
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प्लूटो पर दिन की लंबाई – एक दिन यानी एक घूर्णन लगभग 6.4 पृथ्वी दिन का होता है।
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प्लूटो की एक परिक्रमा – सूर्य की एक परिक्रमा में प्लूटो को लगभग 248 पृथ्वी वर्ष लगते हैं।
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New Horizons मिशन – वर्ष 2015 में NASA का New Horizons यान प्लूटो के पास से गुजरा और इसने इसकी अद्भुत तस्वीरें भेजीं।
प्लूटो को लेकर विवाद
प्लूटो को ग्रह की सूची से हटाए जाने पर वैज्ञानिक समुदाय में काफी विवाद हुआ। अमेरिका सहित कई देशों के लोग इसे अब भी “हमारा नौवां ग्रह” मानते हैं। विशेष रूप से अमेरिका में इसे लेकर भावनात्मक लगाव रहा है क्योंकि इसकी खोज वहीं हुई थी।
कुछ खगोलशास्त्री आज भी यह मानते हैं कि प्लूटो को दोबारा ग्रह का दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि इसके पास वायुमंडल, मौसम और चंद्रमा भी हैं।
प्लूटो से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (Important Q&A)
1. प्रश्न: प्लूटो को ग्रह से कब हटाया गया?
उत्तर: 24 अगस्त 2006 को।
2. प्रश्न: प्लूटो को किसने खोजा था?
उत्तर: क्लाइड टॉम्बो (Clyde Tombaugh) ने 1930 में।
3. प्रश्न: प्लूटो को ग्रह से क्यों हटाया गया?
उत्तर: क्योंकि उसने अपने कक्षीय पथ को साफ नहीं किया था और वह तीसरे मापदंड पर खरा नहीं उतरा।
4. प्रश्न: IAU का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: International Astronomical Union।
5. प्रश्न: प्लूटो को अब क्या कहा जाता है?
उत्तर: बौना ग्रह (Dwarf Planet)।
6. प्रश्न: प्लूटो का सबसे बड़ा चंद्रमा कौन सा है?
उत्तर: चारोन (Charon)।
7. प्रश्न: प्लूटो सूर्य की एक परिक्रमा कितने वर्षों में करता है?
उत्तर: लगभग 248 पृथ्वी वर्षों में।
8. प्रश्न: प्लूटो की कक्षा कहाँ स्थित है?
उत्तर: काइपर बेल्ट (Kuiper Belt) में।
निष्कर्ष
प्लूटो को ग्रहों की सूची से हटाया जाना विज्ञान में परिभाषाओं की स्पष्टता की एक मिसाल है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि विज्ञान में ज्ञान समय के साथ बदलता रहता है और नई खोजें पुरानी धारणाओं को बदल सकती हैं।
भले ही प्लूटो अब "ग्रह" नहीं है, लेकिन इसका वैज्ञानिक महत्त्व और हमारे सौरमंडल में इसकी भूमिका कम नहीं हुई है। खगोलशास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए यह आज भी एक रहस्यमयी और आकर्षक पिंड बना हुआ है।
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