भारत मे संसद क्या है ये कितने प्रकार का होता है इससे जनता का क्या फायदा है विस्तार मे बताए ?
Ans-
भारत में संसद वह संस्था है जो देश की विधायिका (Legislature) का हिस्सा है। यह संस्था सरकार के कार्यों को नियंत्रित करने और कानून बनाने का कार्य करती है। संसद का मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों पर चर्चा करना और कानूनों का निर्माण करना है। भारत में संसद लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम हिस्सा है, जिससे जनता के प्रतिनिधि अपने विचार और समस्याएं उठाते हैं।
भारत की संसद दो सदनों में बाँटी गई है:
1. लोकसभा (House of the People)
लोकसभा, जिसे "निचला सदन" भी कहा जाता है, संसद का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सदन है। इसमें 545 सदस्य होते हैं, जिनमें से 543 सदस्य भारतीय जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि 2 सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा विशेष रूप से नominated होते हैं, जो विशेष रूप से भारत की समृद्धि और विविधता के क्षेत्रों में योगदान करने वाले होते हैं।
लोकसभा के सदस्य पांच साल के लिए चुने जाते हैं। इसका मुख्य कार्य भारतीय जनता के विचारों को संसद में रखना और सरकार को नियंत्रित करना है।
2. राज्यसभा (Council of States)
राज्यसभा, जिसे "उपरी सदन" भी कहा जाता है, भारत की संसद का दूसरा सदन है। राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नominated किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्य विधानसभाओं और भारतीय राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा चुने जाते हैं। राज्यसभा का कार्य मुख्य रूप से लोकसभा द्वारा प्रस्तावित विधेयकों पर विचार करना और उन्हें संशोधित करना होता है। यह सदन कानूनों को लागू करने से पहले उन्हें डिटेल में जांचता है।
राज्यसभा के सदस्य भी पांच साल के लिए चुने जाते हैं, लेकिन उनका कार्यकाल चलने के दौरान सदस्य बदलते रहते हैं क्योंकि इसके सदस्य हर दो साल में एक तिहाई बदलते हैं।
संसद का कार्य:
- कानून बनाना: संसद का मुख्य कार्य नए कानून बनाना या पुराने कानूनों में बदलाव करना है।
- वित्तीय मुद्दे: संसद को केंद्रीय बजट पास करने का अधिकार होता है और इसमें सरकार के खर्चों पर नियंत्रण होता है।
- सरकार पर निगरानी: संसद सरकार के कार्यों की निगरानी करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह संविधान और कानूनों के अनुरूप कार्य कर रही है।
- प्रश्नकाल: लोकसभा और राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद सरकार से सीधे सवाल पूछ सकते हैं, जिससे उन्हें देश की समस्याओं और सरकार की योजनाओं की जानकारी मिलती है।
- आलोचना और सुधार: संसद में विभिन्न मुद्दों पर बहस होती है और इसके द्वारा सरकार की नीतियों पर आलोचना की जाती है, जिससे देश में सुधार हो सके।
जनता को क्या लाभ है?
- प्रतिनिधित्व: संसद में जनता का प्रतिनिधित्व होता है। सांसद जनता के विचारों और समस्याओं को संसद में रखते हैं, जिससे उनके हितों की रक्षा होती है।
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया: संसद लोकतंत्र की सबसे बड़ी प्रक्रिया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सरकार को जनता के हित में काम करना चाहिए और उसे उत्तरदायी बनाती है।
- विकास और कल्याण: संसद कानूनों का निर्माण करती है जो आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए होते हैं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, और आर्थिक विकास।
- समानता और अधिकार: संसद समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करती है। यह सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकार मिले।
- जनता की आवाज: संसद में आम जनता की समस्याओं, मुद्दों और आवश्यकताओं को उठाया जाता है
- जिससे सरकार से उत्तरदायित्व और निर्णय की प्रक्रिया तय होती है।
निष्कर्ष -
इस प्रकार, भारतीय संसद न केवल कानून बनाने की प्रक्रिया को संचालित करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि सरकार अपनी नीतियों और कार्यों के लिए जिम्मेदार हो। यह लोकतांत्रिक समाज के मूल सिद्धांतों को मजबूत करती है और जनता को उनके अधिकारों और कल्याण के लिए एक मंच प्रदान करती है।
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